उत्तराखंड

महंत प्रेमदास महाराज हुए ब्रह्मलीन संत समाज में शोक की लहर

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हरिद्वार। बैरागी संप्रदाय के उच्च कोटि के संत और श्री नीलेश्वर महादेव मंदिर के महंत प्रेमदास महाराज आज सुबह ब्रह्मलीन हो गए। उन्होंने अंतिम सांस अपने नीलेश्वर महादेव मंदिर परिसर के आश्रम में ली। मधुर भाषी मिलनसार विनम्रता की प्रतिमूर्ति महंत प्रेमदास महाराज के ब्रह्मलीन होने की खबर से संत समाज में शोक की लहर दौड़ पड़ी।

जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर महंत अवधेशानंद गिरी महाराज, निरंजनी पंचायती अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज, पंच नाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि महाराज, महानिर्वाणी अखाड़ा अखाड़ा के सचिव महंत रवींद्र पुरी महाराज, उदासीन पंचायती बड़ा अखाड़ा के महंत दुर्गादास कोठारी, महंत गोविंद दास,महामंडलेश्वर हरि चेतना नंद महाराज,महामंडलेश्वर कपिल मुनि महाराज, महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश महाराज समेत कई प्रमुख संतों ने श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके निधन को एक राष्ट्रीय क्षति बताया। श्री गौरीशंकर महादेव मंदिर एवं श्री मलेश्वर महादेव मंदिर के प्रमुख सृष्टि पंडित प्रमोद कुमार शर्मा मिट्ठू ने बताया कि महंत प्रेमदास जी बीती रात अपने कमरे में सोने चले गए थे।

उनकी कुछ दिनों से तबियत खराब थी और जब आज सुबह वह नहीं उठे तो उनके कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर प्रवेश किया गया तो महाराज अचेतन अवस्था में थे। उन्हें रामकृष्ण मिशन चिकित्सालय कनखल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनका अंतिम संस्कार आज शाम किया जाएगा। उनके अंतिम दर्शन के लिए बड़ी तादाद में उनके शिष्य आश्रम परिसर पहुंच रहे हैं।

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